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धनबादः जय जगन्नाथ के जयकारे के साथ निकाली रथ यात्रा

धनबाद : फूलों से सजा रथ और उस पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा। रथ के सामने नाचते-गाते सैकड़ों भक्त प्रभु जगन्नाथ की रथ को खींच रहे हैं। सरायढेला के स्टीलगेट से जब इस्कॉन की ओर से सुसज्जित यह रथ निकला तो पूरा क्षेत्र प्रभु जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठा।

सबसे आगे गौर निताई का विग्रह उसके पीछे हरिनाम संकीर्तन पर झूमते श्रद्धालु तो दूसरी तरफ ओडीसी, बंगाली और झारखंडी नृत्य करतीं महिलाएं। रथ जहां-जहां से गुजरा देखनेवालों की भीड़ उमड़ पड़ी। दर्शन को आतुर श्रद्धालु मशक्कत के बाद रथ तक पहुंचे तो कई लोग रथ के साथ ही चल दिए।

प्रभु जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए लोगों में होड़ मची थी। इस दौरान जगह-जगह भगवान जगन्नाथ के रथ का स्वागत किया गया। गुरु पूजा के साथ शुरू हुई रथयात्रा रथयात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पाहूंडी का अनुष्ठान हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुंबई के जुहू इस्कॉन से पहुंवे देवकीनंदन ने अपने हाथों से इस्कॉन के संस्थापक गुरु श्रील प्रभुपाद की पूजा की। इस्कॉन धनबाद अध्यक्ष नाम प्रेम दास ने गुरु आरती गाई। इसके बाद अतिथियों ने प्रभु जगन्नाथ, बलदेव व सुभद्रा की आरती व पूजा की। यात्रा में सांसद ढुलू महतो और विधायक राज सिन्हा भी शामिल हुए। रथयात्रा गोल्फ ग्रांउड में बने गुंडिचा मंदिर पहुंची रथयात्रा में इस बार गोल्फ ग्राउंड में बने गुंडिचा मंदिर आकर्षण का केंद्र रहा। संध्या में जैसे ही रथ गोल्फ ग्राउंड पहुंचा, रिमझिम बारिश के साथ मासीबाड़ी में भगवान का स्वागत हुआ। गोल्फ ग्राउंड में ही रथ की अद्भुत परिक्रमा हुई। गुंडिचा मंदिर में भगवान के विग्रह को स्थापित किया गया, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। यहां मुंबई जुहू इस्कॉन से पहुंचे देवकीनंदन प्रभु ने कथा की। गोल्फ ग्रांउड में दो दिवसीय रथ महोत्सव का भी आयोजन किया गया है। हजारों ने संख्या में भक्तों ने पाया महाप्रसाद गोल्फ ग्राउंड में हजारों की संख्या में भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान यहां विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नामप्रेम प्रभु ने मधुर कीर्तन के साथ प्रभु जगन्नाथ की कई लीलाओं का वर्णन किया। गोल्फ ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम इसके साथ ही साथ अपनी-अपनी कला में निपुण देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों ने गीत, गान, नृत्य, नाटक आदि प्रस्तुतियों से जगन्नाथ प्रभु का गुणगान किया। विभिन्न पोशाक और सामग्रियों के साथ भारत के 10 अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। पूरे पंडाल और पंडाल के बाहर दो बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। विशिष्ट अतिथियों, रथयात्रा के सारे दर्शनार्थियों के लिए बैठने और महाभोज की पर्याप्त सुखद सुविधा थी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच श्रीमान नामप्रेम प्रभु द्वारा जगन्नाथ की छोटी-छोटी लीलाओं का वर्णन किया गया तथा के साथ सारे भक्तों को जगन्नाथ के मधुर कीर्तन में नाचते गाते हुए लीन होने का अवसर मिला।

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Editor- Koylanchal Times News

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