Bokaro : बोकारो-बीएसएल (बोकारो स्टील प्लांट) में नियोजन की मांग को लेकर बोकारो मृत कर्मचारी आश्रित संघ का जल सत्याग्रह बुधवार को टू-टैंक गार्डेन में सुबह 10 बजे से शुरू हुआ. शाम सात बजे बीएसएल प्रबंधन के एक सप्ताह के अंदर वार्ता के आश्वासन के बाद जल सत्याग्रह समाप्त हुआ.
इससे पहले बीएसएल प्रबंधन पर नियोजन को लेकर टाल-मटोल का आरोप लगाते हुए दर्जनों युवक-युवती पानी में उतरे. सभी के गले में तख्ती टंगी हुई थी. इसमें नियोजन की मांग की गयी थी. आश्रितों ने प्रबंधन के विरोध में नारेबाजी भी की. उन्होंने कहा कि हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है.
गले में टंगी तख्तियों पर लिखे थे नारे
बोकारो के टू-टैंक गार्डेन में आश्रितों ने जमकर नारेबाजी की. आश्रितों को नियोजन दो. शौक नहीं मजबूरी है, ये सत्याग्रह जरूरी है. एक ही मांग एक ही नारा-नौकरी है अधिकार हमारा. सत्याग्रह का हमको शौक नहीं-ये हमारी मजबूरी है, खाली पेट नहीं रह सकते-नौकरी भी जरूरी है. आश्वासन नहीं-नौकरी चाहिए…आर या पार-रोजगार इस बार…जैसे नारे तख्तियों पर लिखे थे.
आश्रितों का आरोप-नौकरी की उम्र सीमा कर रही है पार
आश्रितों ने कहा कि नियोजन का मामला वर्षों से लंबित है. नियोजन प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण कई आश्रितों की नौकरी की उम्र सीमा पार कर गयी है या कर रही है. बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जल सत्याग्रह शुरू किया गया है. वार्ता में आश्रितों को आवास और मेडिकल सुविधा दी गयी थी, लेकिन उनके आवास में बिजली-पानी काटा जा रहा है. मेडिकल सुविधा से भी वंचित रखा गया है. लगातार हो रही वादा खिलाफी के कारण जल सत्याग्रह शुरू किया गया है.
बोकारो मृत कर्मचारी आश्रित संघ के नेताओं ने कहा कि 2004 में इन आश्रितों को नियोजन देने की बात कही गयी थी. वर्ष 2013 में प्रबंधन द्वारा अप्रेंटिसशिप करायी गयी. इसके बाद 2019 में जो प्रबंधन ने बहाली निकली, उसमें उम्र सीमा 28 वर्ष कर दी गयी. उसके बाद प्रबंधन द्वारा वार्ता कर इन्हें नियोजन देने का आश्वासन दिया गया था.