भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 164 वीं जयंती पर रविवार को विभिन्न जगहों पर इंजीनियर्स डे मनाया गया. पथ निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि आज का दिन उन असाधारण मस्तिष्कों को समर्पित करने का दिन है, जो विचारों को जीवन में लाते हैं और आधुनिक विश्व को आकार देते हैं.
भारत में इंजीनियर्स दिवस सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो भारत के सबसे महान इंजीनियरों में से एक थे. यह दिन उन सभी इंजीनियरों को श्रद्धांजलि है, जिनके नवाचार, समर्पण और सरलता जीवन के हर पहलू में प्रगति को प्रेरित करता है. इंजीनियर समाज के बुनियादी ढांचे की रीढ़ है. समारोह का उद्घाटन सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता इंद्रेश शुक्ला व अधीक्षण अभियंता असगर अली ने किया. मंच का संचालन अभियंता दयाशंकर प्रसाद, क्षेत्रीय सचिव अफरोज आलम, शाखा सचिव अशोक प्रसाद व संजय कुमार सिन्हा द्वारा किया गया. सभी अतिथियों ने मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी की जीवनी पर प्रकाश डाला. मौके पर अल्ट्रा टेक सीमेंट के पदाधिकारियों द्वारा नये-नये उत्पादों के संबंध में तकनीकी जानकारी दी गयी. समारोह में 100 से अधिक अभियंताओं ने भाग लिया.
आइआइटी आइएसएम में मना इंजीनियर्स डे :
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के धनबाद लोकल सेंटर की ओर से रविवार को आइआइटी आइएसएम के मैनेजमेंट विभाग के सभागार में इंजीनियर्स डे पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसका आयोजन आइआइटी आइएसएम, बीसीसीएल और सेल के सहयोग से किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा थे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिक और इंजीनियर के बीच मूलभूत अंतर यह है कि वैज्ञानिक प्रयोगशाला में मौलिक या सिद्धांत पर अनुसंधान करते हैं, जबकि इंजीनियर वह हैं जो समाज के लाभ के लिए इस अनुसंधान को आगे बढ़ाते हैं. अगर इंजीनियर अनुसंधान को सामाजिक उपयोगी स्तर पर नहीं ले जाते, तो वैज्ञानिकों द्वारा किये गये मौलिक अनुसंधान केवल कागज पर ही रह जाएंगे. विशिष्ठ अतिथि बीसीसीएल वाशरी डिविजन के जेनरल मैनेजर सोहेल इकबाल ने एआइ के उपयोग पर प्रकाश डाला. प्रो धीरज कुमार, उप निदेशक, आइआइटी आइएसएम व धनबाद लोकल सेंटर के अध्यक्ष ने स्वागत भाषण दिया. कार्यक्रम को प्रो विश्वजीत पॉल और प्रो सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने भी संबोधित किया.