
कानून को अपने हाथ में लेने वालों को धनबाद पुलिस सख़्ती से निपटना जानती हैं -एसएसपी
धनबाद.मधुबन थाना अंतर्गत बाबूडीह स्थित हिल टॉप आउटसोर्सिंग में गत दिनों हुई गोलीबारी की घटना के बाद शनिवार को वरीय पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दन के नेतृत्व में वाहनों के काफिला के साथ जिला प्रशासन पुलिस ने खरखरी बस्ती में फ्लैग मार्च किया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी एचपी जनार्दन ने बताया कि क्षेत्र में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस एक पक्ष से अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है. वहीं दूसरे पक्ष के गिरफ्तारी के लिए पुलिस काम कर रही है.फ्लैग मार्च कर पुलिस जनता के बीच संदेश देना चाहती है कि भविष्य में अगर ऐसा घटना की पुर्नावृति होती है तो जिला प्रशासन इसे भी अधिक सख्ती के साथ निपटेगी. धनबाद में किसी का वर्चस्व नहीं है. कानून को अपने हाथ में लेने की जरूरत नहीं है. कानून को हाथ में लेने वाले को पुलिस सख्ती से निपटना जानती है. दोनों पक्षों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. हथियार बरामद किया जा चुका है.दूसरे पक्ष के यहां शीघ्र छापामारी की जाएगी और भी प्राथमिक की दर्ज होंगे. एसडीओ द्वारा महाप्रबंधक को मौखिक कहा गया था कि जब तक ग्रामीणों का मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक कोई कंस्ट्रक्शन का काम नहीं करेंगे. बीसीसीएल प्रबंधन ने प्रशासन को बिना किसी सूचना के काम शुरू किया. यहां के कुछ अपराधिक गतिविधि वाले लोगों से मदद लेकर काम शुरू कराया. इसके पीछे के कारण कि प्रशासन छानबीन कर रही है. अनुसंधान में अगर उनकी संलिप्तता सामने आती है तो कार्रवाई होगी. अब तक 18 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. एक सवाल के जवाब में कहा कि आरोप लगाने वाला कुछ भी लगाए पुलिस एक तरफा कार्रवाई नहीं करेगी. दोनों पक्षों पर कार्रवाई होगी. हम लोग का आने का उद्देश्य है कि क्षेत्र में शांति बहाल रहे.उन्होंने कहा कि महासभा द्वारा गलत आरोप लगाए जाने से प्रशासन का मनोबल टूटेगा. घटना के दिन पुलिस कर्मियों के साथ-साथ मीडिया कर्मी भी साथ थे. घटना में मीडिया कर्मी भी घायल हो सकते थे. फ्लैग मार्च में ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी, डिप्टी एसपी लॉ एंड ऑर्डर नौशाद आलम, डीएसपी सिंदरी आशुतोष सत्यम, डीएसपी शंकर क्रांति, डीएसपी संजीव कुमार, महुदा इंस्पेक्टर ममता कुमारी, कतरास इंस्पेक्टर सुनील कुमार शर्मा, कतरास थानेदार असित कुमार सिंह,के अलावे मधुबन,धर्माबांध ओपी सोनारडीह के थानेदार एवं भारी संख्या में सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.