
झारखंड/रांची : 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झारखंड पुलिस मुख्यालय में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने तिरंगा फहराया.
इस दौरान उन्होंने ने सभी पुलिसकर्मियों, मीडिया के बंधुओं और उपस्थित लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं.
डीजीपी ने देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए उनकी कुर्बानियों को याद किया, जिनकी वजह से आज हम सभी आजाद हैं.
डीजीपी ने अपने संबोधन में झारखंड पुलिस द्वारा साल 2025 की पहली छमाही (जनवरी से जून) में हासिल की गई प्रमुख उपलब्धियों को गिनवाया. साथ ही भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया.
नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस ने की निर्णायक कार्रवाई
डीजीपी ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड पुलिस ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है. वर्ष 2025 की पहली छमाही में 197 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. जबकि 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
इसके अलावा पुलिस मुठभेड़ों में 17 नक्सली मारे गए. इस अभियान में राज्य ने चार जांबाज पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को भी खोया, जिनमें सीआरपीएफ के उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल, सहायक उप-निरीक्षक सत्यवान कुमार सिंह, आरक्षी परनेश्वर कोच और झारखंड जगुआर के आरक्षी सुनील धान शामिल है.
डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने 12 संगठित अपराधियों को गिरफ्तार किया. साथ ही एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड) ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर के पांच सक्रिय सदस्यों को भी गिरफ्तार किया.
मादक पदार्थ और साइबर अपराध पर कसा नकेल
डीजीपी ने कहा कि मादक पदार्थों के व्यापार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में वर्ष की पहली छमाही में 484 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया.
इस दौरान लगभग 34.09 करोड़ रुपये के अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए. इसके अलावा वर्ष 2024-25 में करीब 27000 एकड़ भूमि पर लगी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया गया.
झारखंड पुलिस को साइबर अपराधों से निपटने में भी महत्वपूर्ण सफलता मिली है. पहली छमाही में 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 50 लाख से अधिक नकद के साथ कई अवैध वस्तुएं जब्त की गई.
प्रतिबिंब ऐप के प्रभावी इस्तेमाल से 474 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया. डायल 1930 साइबर हेल्पलाइन के माध्यम से 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को फ्रीज किया गया और न्यायालय के आदेश पर 80 लाख रुपये पीड़ितों को लौटाए गए.
जनता और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय
जनता की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय और सभी जिलों में 22 जनवरी और 16 अप्रैल 2025 को ‘जन शिकायत समाधान कार्यक्रम’ आयोजित किए गए.
इन कार्यक्रमों में 4,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से करीब 3,500 का तत्काल समाधान किया गया. यह कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेगा.
महिला सुरक्षा और भविष्य का संकल्प
डीजीपी ने कहा कि महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों में महिला हेल्पडेस्क और महिला थाने संचालित हैं. सार्वजनिक स्थानों पर महिला हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि महिलाएं आपातकालीन स्थिति में तुरंत पुलिस सहायता ले सकें.
साथ ही, महिला सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ‘महिला शक्ति कमांडो’ का गठन किया गया है. अपने संबोधन के अंत में पुलिस महानिदेशक ने सभी से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि सभी मिलकर झारखंड को अपराध और नक्सलवाद से मुक्त राज्य बनाएंगे.
उन्होंने सभी को एक स्वच्छ, सुरक्षित, शिक्षित और समृद्ध झारखंड बनाने के लिए अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया.